हम हजारों सामान्य ज्ञान के प्रश्नोतर ले कर आये है, जो कि बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप उस समय अधिक स्कोर प्राप्त करना चाहते हैं तो आज मेहनत करना बहुत जरुरी है इस लिये थोड़ा समय निकाल कर इस पोस्ट को पड़ ले तो आगे आने वाले समय में बहुत की लाभ दायक होगी|
मजदूर हु जनाब मजबूर नहीं
जिन्दगी को
वह गढ़ेंगे जो शिलाएं तोड़ते हैं
जो भगीरथ नीर की निर्भय शिराएं मोड़ते हैं।
यज्ञ को इस शक्ति-श्रम के
श्रेष्ठतम मैं मानता हूं।
आपके अपने संजय सर
प्रश्न -किस म्यूजिक कम्पनी ने अपनी पुस्तक की जिल्द पर दी गयी तस्वीर में नयी सदी के उदय का ऐलान किया था?
उत्तर- ई. टी. पॉल म्यूजिक कम्पनी ने अपनी पुस्तक की जिल्द पर दी गयी तस्वीर में 'नयी सदी के उदय' का ऐलान किया था।
प्रश्न . गिल्ड्स से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- गिल्ड्स उत्पादकों के संगठन होते थे। गिल्ड्स से जुड़े उत्पादक कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करते थे, उत्पादकों पर नियन्त्रण रखते थे, प्रतिस्पर्धा और मूल्य तय करते थे।
प्रश्न 3. इंग्लैण्ड के कपड़ा व्यापारी किससे ऊन खरीदते थे ?
उत्तर- इंग्लैण्ड के कपड़ा व्यापारी स्टेप्लर्स (Staplers) से ऊन खरीदते थे।
प्रश्न . इंग्लैण्ड का कौन-सा शहर फिनिशिंग सेंटर के नाम से जाना जाता था ?
उत्तर- इंग्लैण्ड का लंदन शहर फिनिशिंग सेंटर के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न . आदि-औद्योगिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषता क्या थी ?
उत्तर - आदि- औद्योगिक व्यवस्था पर सौदागरों का नियंत्रण था और वस्तुओं का उत्पादन कारखानों की बजाय घरों में होता था।
प्रश्न. कार्डिंग क्या है ?
उत्तर- कार्डिंग वह प्रक्रिया थी जिसमें कपास या ऊन आदि रेशों को कताई के लिए तैयार किया जाता था।
प्रश्न . सूती कपड़ा मिल की रूपरेखा किसने तैयार की थी ?
उत्तर- रिचर्ड आर्कराइट ने सूती कपड़ा मिल की रूपरेखा तैयार की थी।
प्रश्न . ब्रिटेन के सबसे अधिक विकसित उद्योग कौन-कौन से थे ?
उत्तर-ब्रिटेन के सबसे अधिक विकसित उद्योग सूती कपड़ा उद्योग एवं कपास उद्योग थे।
प्रश्न . ब्रिटेन का कौन-सा उद्योग 1840 ई. के दशक तक औद्योगीकरण के प्रथम चरण में सबसे बड़ा उद्योग बन चुका था ?
उत्तर- ब्रिटेन का कपास उद्योग 1840 ई. के दशक तक औद्योगिकीकरण के प्रथम चरण में सबसे बड़ा उद्योग बन चुका था।
प्रश्न . स्पिनिंग जेनी मशीन का निर्माण कब व किसने किया ?
उत्तर- जेम्स हरग्रीव्ज ने 1764 ई. में स्पिनिंग जेनी मशीन का निर्माण किया।
प्रश्न . बंगाल का विभाजन कब हुआ?
उत्तर- बंगाल का विभाजन 1905 में हुआ।
प्रश्न . रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 'नाइटहुड' की उपाधि क्यों वापस लौटा दी?
उत्तर- रवीन्द्रनाथ टैगोर ने जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में अपनी 'नाइटहुड' की उपाधि वापस लौटा दी।
प्रश्न . आजाद हिन्द फौज (इण्डियन नेशनल आर्मी) का गठन किसने किया?
उत्तर- आजाद हिन्द फौज का गठन सुभाषचन्द्र बोस ने किया था।
प्रश्न . तिलक ने किस समाचार पत्र का सम्पादन किया था?
उत्तर- तिलक ने मराठी अखबार 'केसरी' का सम्पादन किया था।
प्रश्न . मुस्लिम लीग की स्थापना कब हुई?
उत्तर- मुस्लिम लीग की स्थापना सन् 1906 में हुई।
प्रश्न . 1920 के दशक के मध्य की दो महत्त्वपूर्ण घटनाएँ कौनसी थीं?
उत्तर- (1) भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की स्थापना।
(2) हिन्दुओं के संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना।
प्रश्न . इल्बर्ट बिल में क्या प्रावधान था?
उत्तर- इल्बर्ट बिल में प्रावधान था कि भारतीय न्यायाधीश भी ब्रिटिश या यूरोपीय व्यक्तियों पर मुकदमे चला सकते हैं।
प्रश्न . वंदेमातरम् आन्दोलन क्या था?
उत्तर- स्वदेशी आन्दोलन को आंध्र के डेल्टा इलाकों में वंदेमातरम् आन्दोलन के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न . ऑल इण्डिया मुस्लिम लीग का गठन कब और कहाँ किया गया?
उत्तर- ऑल इण्डिया मुस्लिम लीग का गठन ढाका में वर्ष 1906 में किया गया।
प्रश्न. जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कब व कहाँ हुआ?
उत्तर- जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड 13 अप्रैल, 1919 को में अमृतसर में हुआ।
कंप्यूटर की क्विज देखने के लिए इमेज पर क्लिक करें
वन एवं वन्य जीव संसाधन प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. जैव-विविधता- पेड़-पौधों एवं प्राणि-जगत में जो विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ मिलती हैं, जैव-विविधता कहलाती हैं। दूसरे शब्दों में, जैव-विविधता वनस्पति व प्राणियों में पाए जाने वाले जातीय विभेद को प्रकट करती है।
2. वनस्पतिजात (Flora) - वनस्पतिजात से तात्पर्य किसी विशेष क्षेत्र या समय के पादपों से है।
3. प्राणिजात- सभी प्रकार के पशु-पक्षी, जीवाणु, सूक्ष्म जीवाणु व मनुष्य मिलकर प्राणिजात कहलाते हैं।
4. सामान्य जातियाँ- वन और वन्य जीवों की ऐसी प्रजातियाँ जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य मानी जाती है, जैसे-चीड़, साल, पशु, कृंतक (रोडेंट्स)।
5. संकटग्रस्त जातियाँ- ऐसी जातियाँ जिनके लुप्त होने का खतरा है, जैसे काला हिरण, गैंडा, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, शेर की पूँछ वाला बंदर, मणिपुरी हिरण
6. सुभेद्य जातियाँ- ये वे प्रजातियाँ हैं, जिनकी संख्या लगातार घट रही है और जो शीघ्र ही संकटग्रस्त होने की स्थिति में हैं। उदाहरण-नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा की डॉल्फिन आदि।
7. दुर्लभ जातियाँ- जीव-जन्तु व वनस्पति की वे प्रजातियाँ जिनकी संख्या बहुत कम रह गई है, दुर्लभ प्रजातियाँ कहलाती हैं।
8. स्थानिक जातियाँ- प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पायी जाने वाली प्रजातियाँ स्थानिक प्रजातियाँ कहलाती हैं, जैसे-अंडमानी चील, निकोबारी कबूतर, अरुणाचली मिथुन व अंडमानी जंगली सुअर आदि।
9. लुप्त जातियाँ- ये वे जातियाँ हैं जिनके रहने के आवासों में खोज करने पर वे अनुपस्थित पाई गई हैं, जैसे-एशियाई चीता, गुलाबी सिर वाली बत्तख आदि।
10. वन- वह बड़ा भू-भाग जो वृक्षों और झाड़ियों से ढका होता है।
11. पारिस्थितिकी तन्त्र- मानव और दूसरे जीवधारी मिलकर एक जटिल तंत्र का निर्माण करते हैं, उसे पारिस्थितिकी तन्त्र कहा जाता है।
12. आरक्षित वन- ये वे वन हैं जो इमारती लकड़ी अथवा वन उत्पादों को प्राप्त करने के लिए स्थायी रूप से सुरक्षित कर लिए गए हैं और इनमें पशुओं को चराने तथा खेती करने की अनुमति नहीं दी जाती।
13. रक्षित वन- ये वे वन हैं जिनमें पशुओं को चराने व खेती करने की अनुमति कुछ विशिष्ट प्रतिबन्धों के साथ प्रदान की जाती है।
14. अवर्गीकृत वन- अन्य सभी प्रकार के वन व बंजर भूमि जो सरकार, व्यक्तियों एवं समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहलाते हैं। इनमें लकड़ी काटने व पशुओं को चराने पर सरकार की ओर से कोई रोक नहीं होती है।
15. सामुदायिक वनीकरण- यह वन सुरक्षा हेतु लोगों का, लोगों के लिए, लोगों द्वारा संचालित एक विशिष्ट कार्यक्रम है।
16. राष्ट्रीय उद्यान- ऐसे रक्षित क्षेत्र जहाँ वन्य प्राणियों सहित प्राकृतिक वनस्पति और प्राकृतिक सुन्दरता को एक साथ सुरक्षित रखा जाता है। ऐसे स्थानों की सुरक्षा को उच्च स्तर प्रदान किया जाता है। इसकी सीमा में पशुचारण प्रतिबनि बत होता है। इसकी सीमा में किसी भी व्यक्ति को भूमि का अधिकार नहीं मिलता है।
17. वन्य जीव पशु विहार- ये वे रक्षित क्षेत्र हैं जहाँ कम सुरक्षा का प्रावधान है। इसमें वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए अन्य गतिविधियों की अनुमति होती है। इसमें किसी भी अच्छे कार्य के लिए भूमि का उपयोग हो सकता है।
18. प्रोजेक्ट टाइगर- देश में बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट को देखकर बाघों के संरक्षण के लिए सन् 1973 से संचालित विशेष बाघ परियोजना।